About Book / बुक के बारे में
Pustak Ka Naam / Name of Book -----संस्कृत हिंदी शब्दकोश | Sanskrit Hindi Dictionary |
Pustak Ke Lekhak / Author of Book -----चतुर्वेदी द्वारकाप्रसाद शर्मा | Chaturvedi Dwarkaprasad Sharma |
Pustak Ki Bhasha / Language of Book ---- HINDI | हिंदी |
Pustak Ka Akar / Size of Ebook -----31.3 MB |
Pustak me Kul Prashth / Total pages in ebook - 402 |
prakasan ki thithi/ Publication Date -----#### |
Download Sthiti / Ebook Downloading Status -- Best |
Summary of Book / बुक का सारांश
यह एक सरल संस्कृत-हिंदी शब्दकोश है |
IT IS A SIMPLE SANSKRIT-HINDI DICTIONARY.
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About Writer / लेखक के बारे में
1820 में जन्मे चतुर्वेदी श्री द्वारका प्रसाद “शर्मा” हिंदी गद्य के एक प्रसिद्ध लेखक थे, जिन्होंने 150 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं, लेकिन मुख्य रूप से वाल्मीकि रामायण के संस्कृत से हिंदी में अनुवाद के लिए जाने जाते हैं। वह शुरू में भारत में इटावा उत्तर प्रदेश में रहते थे और अंततः यूपी के इलाहाबाद चले गए। उन्हें हिन्दी गद्य का प्रारंभिक लेखक माना जाता है।
जब उन्होंने वारेन हेस्टिंग्स के जीवन और चरित्र के बारे में लिखा तो उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी खो दी। फिर उन्होंने अपना सारा समय लेखन और साहित्य के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने सबसे पहले “राघवेंद्र” नामक एक मासिक पत्रिका शुरू की।
चतुर्वेदी कई वर्षों तक हिंदी साहित्य सम्मेलन में व्यवस्था मंत्री रहे और उन्हें “शर्मा” की उपाधि दी गई।
“Each today, well-lived, makes yesterday a dream of happiness and each tomorrow a vision of hope. Look, therefore, to this one day, for it and it alone is life.”
—Sanskrit poem”“प्रत्येक आज, अच्छी तरह से जीया, कल को खुशी का सपना और प्रत्येक आने वाले कल को आशा की दृष्टि बनाता है। इसलिये आज के दिन को देखो, क्योंकि यही जीवन है।”
-संस्कृत कविता”