रघुवंश महाकाव्य कालिदास प्रणीत द्वारा हिंदी में पीडीएफ फाइनल डाउनलोड | Raghuvansh Mahakavya By Kalidas Pranit In Hindi PDF Final Download

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hindi pustak contactSummary of Book / बुक का सारांश 

रघुवंश एक महाकाव्य (मोटे तौर पर, महाकाव्य कविता) है जिसमें १५६४ श्लोक हैं। यह रघु वंश (जिसे सूर्यवंश या सौर वंश के रूप में भी जाना जाता है) के राजाओं की रेखा का वर्णन करता है जिसमें रघु भी शामिल है। यह १९ सर्गों (कैंटोस) में लिखा गया है, जिसे तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है:

राम के पूर्वज: दिलीपा, रघु, अज, और दशरथ (कैंटोस १ से ९)
रामायण की कहानी (कैंटोस १० से १५)
राम के वंशज (कैंटोस 16 से 19)………

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The Raghuvaṃśa is a mahākāvya (roughly, epic poem) containing 1564 stanzas. It describes the line of kings of the Raghu dynasty (also known as the sūryavaṃśa or the solar dynasty) that includes Raghu. It is written in 19 sargas (cantos), that can be regarded as being divided into three parts:

Ancestors of Rāma: Dilīpa, Raghu, Aja, and Daśaratha (Cantos 1 to 9)
The story of the Ramayana (Cantos 10 to 15)
Descendants of Rāma (Cantos 16 to 19)…….

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