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अष्टांग हृदयम् पीडीएफ डाउनलोड हिंदी में | ashtang hridayam pdf Download in hindi

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hindi pustak contactSummary of Book / बुक का सारांश 

युर्वेद स्वस्थ जीवन की कुंजी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्राचीन काल में भारतीय चिकित्सकों ने इस विद्या को अष्टांगहृदयम् नाम के संस्कृत ग्रंथ में संकलित किया जिसे आज भी आयुर्वेदाचार्यों द्वारा पढ़ाया जाता है। इस पुस्तक में लगभग सभी रोगों के लिए आयुर्वेदिक उपचार की विधि दी गई है, जिसे किसी विशेषज्ञ आयुर्वेदाचार्य द्वारा ही उपयोग में लाया जाता है\
अष्टांगहृदयकर्ता वाग्भट-संग्रह तथा हृदय के कर्ता वाग्भट ‘इति ह स्माहुरापादयो महर्षयः’ इस अंश में दोनों समान है। मंगलाचरण के पद्य का आरम्भ ‘रागाविरोग’ पद से भी दोनों समान हैं और उपर्युक्त उद्धरण के अनुसार दोनों द्वारा ग्रथित ग्रन्थों में चरक-सुश्रुतानुयायित्व भी समान है। अधिक क्या कहें ‘संग्रह’ के अनेक अविकल पद्य ‘हृदय’ में सुलभ हैं। इन दृष्टियों से संग्रह एवं हवय के रचयिताओं को एक मान लेना चाहिए। इसके समर्थन में हम नागपुर निवासी वैद्य श्रीगोवर्धनशर्मा डांगागी द्वारा लिखित अष्टांगसंगाह सूत्रस्थान की भूमिका से कुछ अंश साभार उद्धृत कर रहे हैं
‘स्वर्गवि ज्योतिषचन्द्र सरस्वती ने भी अष्टांगहृदय उत्तरस्थान (शिवदास सेन टीका) के सम्पादकीय उपोषात में अप्रासंग्रह और हृदय के कर्ता भिन्न-भिन्न माने हैं। इसमें आधार केवल माह से हदय की कुछ स्थानों में मत भिन्नता बतायी है। इस भिन्नता में संग्रह का मत तो दे ही दिया है परन्तु उसमें थोड़ा ……………..

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The octagonist Vagabhat and the heart of the heart are both similar in this fraction. Both are similar to the post of ‘Ragavirog’ of Mangalacharan and according to the above mentioned quotes, the charcoal-suicidiousness is also similar in the grinding groups. What to say more ‘collection’ is accessible in ‘heart’. These visions should take a value to the archives and the creators. In support of this, we are quoting some excerpts from the role of Ashtanga Sangh Sanghshasthan written by Vaidya Dangagi in Nagpur.
‘Pneumatic Jyotishchandra Saraswati has also considered unprotected in the editorial subtle of Ashtanghhedi North Northern (Shivdas San Vaccine) and the hearts of the heart are different. In this, there is no difference in some places in some places of Hirat. This variation has given the vote of the collection, but a little bit in it

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